Two Wheeler Subsidy: महिलाओं के नाम पर इलेक्ट्रिक स्कूटर पर ₹36,000 तक की सब्सिडी, जानिए पूरी योजना

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Two Wheeler Subsidy

Two Wheeler Subsidy: दिल्ली सरकार ने शहर में बढ़ते प्रदूषण को कम करने और लोगों को स्वच्छ परिवहन विकल्पों की ओर प्रोत्साहित करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2.0 की शुरुआत की है। इस नई नीति का सबसे बड़ा फायदा महिलाओं को मिल रहा है। अगर कोई व्यक्ति महिला के नाम पर इलेक्ट्रिक टू व्हीलर खरीदता है, तो उसे सरकार की ओर से ₹36,000 तक की सब्सिडी मिल सकती है। यह पहल ना सिर्फ प्रदूषण पर लगाम लगाने में मदद करेगी, बल्कि महिलाओं को अधिक सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी अहम भूमिका निभाएगी।

वर्तमान समय में दिल्ली जैसे महानगरों में बढ़ता वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन चुका है। इसी को देखते हुए सरकार ने ऐसी योजनाएं लागू की हैं, जो पर्यावरण के अनुकूल और आर्थिक रूप से लाभकारी हों। खासतौर पर महिलाओं को ध्यान में रखकर बनाई गई टू व्हीलर सब्सिडी योजना का उद्देश्य है कि अधिक से अधिक महिलाएं इलेक्ट्रिक वाहन अपनाएं और इससे प्रदूषण को कम करने में योगदान दें। यह सब्सिडी सीधे तौर पर महिला उपयोगकर्ताओं को आर्थिक राहत देती है और उन्हें निजी परिवहन की सुविधा भी प्रदान करती है।

Two Wheeler Subsidy से महिलाओं को मिलेगा बड़ा लाभ

Two Wheeler Subsidy के तहत सरकार ने यह तय किया है कि अगर कोई व्यक्ति महिला के नाम पर इलेक्ट्रिक टू व्हीलर खरीदता है और उनके पास ड्राइविंग लाइसेंस है, तो उन्हें ₹10,000 की शुरुआती सब्सिडी दी जाएगी। इसके अलावा वाहन में लगी बैटरी की क्षमता के हिसाब से ₹12,000 प्रति किलोवाट तक का अतिरिक्त प्रोत्साहन भी मिलेगा। इस तरह कुल मिलाकर ₹36,000 तक की सब्सिडी का लाभ लिया जा सकता है। यह छूट सीधे वाहन की कीमत में मिलती है जिससे ग्राहक को वाहन खरीदने में बड़ी राहत मिलती है।

यह योजना खासकर उन परिवारों के लिए मददगार साबित होगी, जो महंगे पेट्रोल और डीजल वाहनों का खर्च नहीं उठा सकते और इलेक्ट्रिक विकल्प की ओर जाना चाहते हैं। साथ ही महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी यह एक सकारात्मक कदम है, क्योंकि इससे महिलाएं खुद का वाहन आसानी से खरीद सकेंगी और अपने रोजमर्रा के कामों में अधिक स्वतंत्रता पा सकेंगी।

2026 से बंद होंगे पारंपरिक ईंधन वाले टू व्हीलर

दिल्ली सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि 15 अगस्त 2026 के बाद शहर में पेट्रोल, डीजल और सीएनजी से चलने वाले नए टू व्हीलर वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी जाएगी। यानी अब धीरे-धीरे पारंपरिक ईंधन पर आधारित वाहनों की जगह इलेक्ट्रिक वाहन ले रहे हैं। इस फैसले का मकसद वायु गुणवत्ता में सुधार करना और कार्बन उत्सर्जन को कम करना है। दिल्ली पहले से ही दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल है, और यह नीति उस स्थिति को सुधारने की दिशा में एक निर्णायक कदम हो सकती है।

इलेक्ट्रिक ऑटो के लिए भी मिल रही है सब्सिडी

केवल टू व्हीलर ही नहीं, बल्कि सरकार ने ऑटो चालकों के लिए भी इलेक्ट्रिक ऑटो को बढ़ावा देने के लिए नई योजना लागू की है। अगस्त 2025 के बाद दिल्ली में सीएनजी ऑटो रिक्शा का रजिस्ट्रेशन और परमिट रिनुअल बंद कर दिया जाएगा। ऐसे में जो भी ऑटो चालक अपने पुराने सीएनजी वाहन को इलेक्ट्रिक में बदलते हैं, उन्हें ₹10,000 प्रति किलोवाट के हिसाब से अधिकतम ₹45,000 तक की सब्सिडी दी जाएगी।

सिर्फ यही नहीं, अगर किसी चालक का ऑटो 12 साल से ज्यादा पुराना है और वह उसे स्क्रैप करता है, तो सरकार की ओर से उसे ₹20,000 का अतिरिक्त इंसेंटिव भी मिलेगा। इसके अलावा यदि कोई चालक अपने पुराने ऑटो को पूरी तरह से इलेक्ट्रिक ऑटो में बदल देता है, तो उसे एकमुश्त ₹1 लाख तक की सहायता दी जा सकती है। हालांकि इस लाभ को लेने के बाद वह अन्य वाहनों के लिए पात्र नहीं रहेगा।

महिलाओं की भागीदारी से बढ़ेगी इलेक्ट्रिक मोबिलिटी

दिल्ली सरकार का मुख्य उद्देश्य महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देना है ताकि वे परिवहन व्यवस्था में स्वतंत्र रूप से शामिल हो सकें। टू व्हीलर सब्सिडी योजना से महिलाएं न केवल निजी वाहन की सुविधा ले सकेंगी, बल्कि उनके सफर भी सुरक्षित और सुलभ हो जाएंगे। खासकर नौकरीपेशा महिलाएं, छात्राएं और गृहणियां जो अपने निजी स्कूटर का खर्च नहीं उठा सकती थीं, उनके लिए यह योजना वरदान साबित हो सकती है।

महिलाओं के लिए यह योजना सिर्फ एक छूट नहीं है, बल्कि यह उन्हें समाज में एक स्वतंत्र पहचान देने का माध्यम भी है। जब महिलाएं अपने नाम पर वाहन खरीदती हैं, तो इससे उन्हें वित्तीय आजादी का भी अनुभव होता है और उनकी सामाजिक स्थिति में भी सुधार आता है।

दिल्ली में बदल रहा है ट्रांसपोर्ट सिस्टम

इस योजना के साथ यह साफ हो गया है कि आने वाले वर्षों में दिल्ली का ट्रांसपोर्ट सिस्टम पूरी तरह से इलेक्ट्रिक की ओर बढ़ेगा। यह बदलाव केवल पर्यावरण के लिए ही नहीं, बल्कि लोगों की जेब के लिए भी फायदेमंद साबित होगा। पेट्रोल और डीजल के लगातार बढ़ते दामों के मुकाबले इलेक्ट्रिक वाहन चलाना कहीं ज्यादा सस्ता और टिकाऊ विकल्प है। साथ ही सरकार की यह सब्सिडी योजना ग्राहकों को सीधे तौर पर आर्थिक राहत देती है।

सरकार ने सभी लाभार्थियों से अपील की है कि वे इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने से पहले दिल्ली परिवहन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर सभी दिशा-निर्देश और पात्रता की जानकारी जरूर लें। इससे कोई भ्रम की स्थिति नहीं बनेगी और योजना का पूरा लाभ उठाया जा सकेगा।

निष्कर्ष

दिल्ली सरकार की टू व्हीलर सब्सिडी योजना महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और शहर में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने की दिशा में एक मजबूत कदम है। इस योजना के तहत ₹36,000 तक की छूट महिलाओं को इलेक्ट्रिक टू व्हीलर खरीदने पर दी जा रही है। वहीं सीएनजी ऑटो को इलेक्ट्रिक में बदलने पर ₹45,000 की सब्सिडी और अन्य इंसेंटिव भी मिल रहे हैं। यह बदलाव दिल्ली को एक क्लीन और ग्रीन राजधानी बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम है।

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